Description भोपाल में मंत्रालय कर्मचारी बनकर नौकरी दिलाने के नाम पर ₹20 लाख ठगने का सनसनीखेज मामला। आरोपी विजय शंकर मिश्रा ने चुनाव आयोग और महिला बाल विकास विभाग के फर्जी जॉइनिंग लेटर दिए। भोपाल क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार किया।
By: Ajay Tiwari
Nov 12, 20257:18 PM
भोपाल में एक बड़े जालसाजी का मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने खुद को मंत्रालय का कर्मचारी बताकर कई लोगों से ₹20 लाख की ठगी की है। आरोपी ने पीड़ितों को चुनाव आयोग और महिला बाल विकास विभाग जैसे सरकारी विभागों में नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था।
मामले की शुरुआत 6 फरवरी 2024 को हुई, जब मुरैना के अंबाह निवासी किसान राजकुमार सिंह की मुलाकात मंत्रालय के बाहर जालसाज विजय शंकर मिश्रा से हुई। आरोपी विजय शंकर ने राजकुमार सिंह को अपने जाल में फंसा लिया और सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का पक्का भरोसा दिया। पीड़ित राजकुमार सिंह ने अपने परिवार के सात सदस्यों को नौकरी दिलाने के लिए आरोपी को उनके दस्तावेज सौंप दिए। इसके बाद आरोपी ने कई किश्तों में राजकुमार सिंह से करीब 20 लाख रुपए ऐंठ लिए।
जब पीड़ितों द्वारा जल्द नौकरी लगवाने का दबाव बनाया गया, तो आरोपी विजय शंकर मिश्रा ने सातों सदस्यों को फर्जी जॉइनिंग लेटर थमा दिए। ये सभी पत्र चुनाव आयोग और महिला बाल विकास विभाग में नियुक्ति के थे और सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन सभी में जॉइनिंग की तारीख समान थी। जब सातों सदस्य इन नियुक्ति पत्रों को लेकर संबंधित विभागों में जॉइनिंग के लिए पहुंचे, तब जाकर उन्हें पता चला कि ये लेटर पूरी तरह से फर्जी हैं। इसके तुरंत बाद, पीड़ितों ने मामले की शिकायत डीजीपी कार्यालय में की।
डीजीपी कार्यालय से जांच भोपाल पुलिस को सौंपी गई। लंबी जांच-पड़ताल के बाद, भोपाल क्राइम ब्रांच ने आरोपी विजय शंकर मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जांच में पता चला कि आरोपी विजय शंकर खुद को मध्य प्रदेश जीडी ऑफिस में पदस्थ बताता था और लोगों पर धौंस जमाने के लिए एक महिला आईएएस अधिकारी को अपनी सगी भाभी होने का दावा करता था। क्राइम ब्रांच ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी विजय शंकर मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस कार्रवाई ने सरकारी नौकरी के नाम पर होने वाली जालसाजी के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है।