बेन एंड कंपनी और Grow की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM ₹300 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा। जानें कैसे खुदरा निवेशक और डिजिटल पहुंच इस ग्रोथ को प्रेरित करेंगे।
By: Ajay Tiwari
Dec 09, 20254:33 PM
एक बड़ा वित्तीय अनुमान! कंसल्टिंग फर्म बेन एंड कंपनी (Bain & Company) और ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी ग्रो (Grow) की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत में म्यूचुअल फंड स्कीम्स के तहत इंडस्ट्री का एयूएम (AUM - Assets Under Management) साल 2035 तक बढ़कर 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा। इसी अवधि में, डायरेक्ट इक्विटी शेयरहोल्डिंग का मूल्य भी 250 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
'हाउ इंडिया इन्वेस्ट्स' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि म्यूचुअल फंड एयूएम में यह जबरदस्त वृद्धि मुख्य रूप से खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और देश में जबरदस्त डिजिटल पहुंच से प्रेरित होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दशक में भारतीय परिवारों में म्यूचुअल फंड की पहुंच 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत होने की संभावना है।
बेन इंडिया के पार्टनर, सौरभ त्रेहान ने कहा, "भारतीय परिवार अब पारंपरिक बचत की मानसिकता से धीरे-धीरे ज्यादा निवेश-उन्मुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। म्यूचुअल फंड और डायरेक्ट शेयर इसी का परिणाम हैं, जो हाल के सालों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ऐसेट क्लास के रूप में उभरे हैं।"
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में यह अगली ग्रोथ लहर 'घरेलू स्वीकृति में वृद्धि, मजबूत डिजिटल सक्षमता, सहायक विनियमन और बढ़ते निवेशक विश्वास' जैसे कारकों से प्रेरित होगी।
रिपोर्ट में डायरेक्ट इक्विटी स्टेक में अपेक्षित वृद्धि का श्रेय सट्टेबाजी आधारित कारोबार (Betting-based Trading) की जगह लॉन्ग टर्म निवेश की ओर निवेशकों के संरचनात्मक बदलाव को दिया गया है। डिजिटल पैठ और मजबूत बाजार प्रदर्शन भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
ग्रो के को-फाउंडर और सीओओ, हर्ष जैन ने इस बदलाव पर सहमति जताते हुए कहा, "हम भारतीयों में 'पहले बचत' के बजाय 'पहले निवेश' की मानसिकता की ओर एक संरचनात्मक बदलाव देख रहे हैं।"
यह रिपोर्ट रेखांकित करती है कि भारत की 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में खुदरा निवेश एक प्रमुख योगदानकर्ता होगा। इस तरह के निवेश से वित्तीय परिवेश और व्यवसायों में 7 लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होने की भी उम्मीद है।