रीवा जिले में 22 जुलाई से दस्तक अभियान की शुरुआत होगी, जिसमें 2.88 लाख बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की टीमें घर-घर जाकर बीमार बच्चों की पहचान कर दवाएं और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती भी कराएंगी।
By: Yogesh Patel
Jul 20, 2025just now
घर-घर दस्तक देगी स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की टीम
रीवा, स्टार समाचार वेब
शून्य से 5 साल तक के बच्चों की जांच के लिये दस्तक अभियान की शुरुआत होने जा रही है। यह अभियान 22 जुलाई से 16 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की टीम घर-घर दस्तक देगी। बीमारी से ग्रस्त बच्चों की पहचान कर ना सिर्फ उन्हें दवाएं दी जायेंगी, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में भर्ती भी कराया जायेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। टीम को लक्ष्य भी दे दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत दस्तक अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। इस बार दस्तक अभियान की थीम स्टाप डायरिया रखा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि यह अभियान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग संयुक्त रूप से चलाएगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में हर वर्ष 6.8 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु डायरिया (उल्टी-दस्त) से हो रही है। यही वजह है कि इस बार दस्तक अभियान की थीम स्टाप डायरिया रखा गया है। 22 जुलाई से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत टीम घर-घर पहुंचेगी और शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। जिले में 2 लाख 88 हजार बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनकी जांच की जानी है। इनमें से यदि कोई बच्चा बीमार मिलता है तो उसे आश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जायेगी। जरुरत पड़ने पर बच्चों को एनआरसी एवं स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कर उपचार किया जायेगा।
बीएमओ करेंगे मॉनीटरिंग
दस्तक अभियान के लिये ब्लॉक वार लक्ष्य तय किया गया है। इसमें बीएमओ अभियान की मॉनीटरिंग करेंगे। जांच टीम में आशा-ऊशा कार्यकर्ता, एएनएम, आगनबांडी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शामिल किया गया है। टीम घर-घर पहुंच कर जहां 5 साल तक के बच्चे हैं, वहां पर ओरआरएस व जिंक की 14 टैबलेट का वितरण करेगी। इसके अलावा अन्य जरूरी दवाओं को का वितरण भी किया जायेगा।