करोड़ों की सौगात, फिर भी ताले में बंद! सतना गर्ल्स कॉलेज का नवीन छात्रावास डेढ़ साल बाद भी क्यों नहीं हो सका शुरू? 30 छात्राएं कर चुकी हैं आवेदन, पर स्टाफ की कमी बनी बाधा। पढ़ें पूरा मामला।
By: Star News
Jun 05, 202510:26 AM
सतना. करन उपाध्याय
जिले के सबसे बड़े गर्ल्स कॉलेज में हॉस्टल बनने के बाद भी छात्राओं को इसकी सुविधा नसीब नहीं हो पा रही हैं। हॉस्टल उद्घाटन को ढेÞड साल से अधिक का वक्त बीतने को है लेकिन अभी भी इसमें ताला लटका हुआ है। हैरानी की बात यह है कि करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए इस हॉस्टल में अभी तक कोई पद ही स्वीकृत नहीं हो पाया। कॉलेज प्रबंधन द्वारा लगातार पद स्वीकृत और उनकी उपलब्धता के लिए बार-बार उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर मांग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि शा. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 5 अगस्त 2023 को उस वक्त के उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव के द्वारा नवीन छात्रावास का लोकार्पण किया था। हॉस्टल संचालित न होने से दूर-दराज से आने वाली छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब सवाल यह उठ खड़ा होता है कि आखिर कब छात्राओं को हॉस्टल की सुविधा का लाभ मिलेगा।
छात्राओं के टूट रहे सपने
हॉस्टल बनने के बाद कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को एक समय यह लगा था कि उनके भी अच्छे दिन आ गए और अब उनको रोजाना लंबी यात्रा करके कॉलेज में अध्ययन के लिए नहीं आना पड़ेगा क्योंकि उनकी सुविधा के लिए सरकार ने हॉस्टल बनवा दिया है। छात्राओं के लिए ये सौगात से कम नहीं था पर अफसोस है कि आज भी कन्या महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की छात्रावास वाली सौगात ताले में बंद हैं। ऐसा भी नहीं है ये केवल घोषणा है बल्कि हॉस्टल बनकर तैयार है पर उसके अंदर दाखिल होने का सौभाग्य जरूरतमंद छात्राओं को नहीं मिला है।
30 छात्राओं ने किया था आवेदन
बताया गया कि पिछले सत्र में गर्ल्स कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्राओं की हॉस्टल डिमांड जानने के लिए आवेदन प्रक्रि या के फार्म दिए गए थे। 30 छात्राओं ने आवेदन फार्म दिया था। छात्राएं उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस नए सत्र में हॉस्टल सुविधा का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि गर्ल्स कॉलेज में 4 करोड़ 19 लाख की लागत से छात्रावास भवन एवं प्रयोगशाला भवन का निर्माण करवाया गया है। छात्रावास 50 सीटर है इसे विश्व बैंक परियोजना द्वारा तैयार कराया गया। हॉस्टल में रुसा चरण 2, कम्पोनेंट 9, नवीन निर्माण 1 मल्टीपरपज हॉल है।
पलंग, अलमारी आए लेकिन स्टाफ का अता-पता नहीं
हॉस्टल के लिए बेड, अलमारी व अन्य कुछ सामग्रियां आ गई थी । बताया गया कि हॉस्टल संचालित करवाने के लिए एक मेट्रन, कुक, केयर टेकर, प्यून, सफाई कर्मी एवं चौकीदार के पद स्वीकृ त करने उच्च शिक्षा विभाग का कॉलेज प्रबंधन ने पत्र लिखा है। बताया गया कि ये पद आउट सोर्स से रखे जाने है। पद स्वीकृत करने के मामले में फाइल वित्त विभाग के पास है।
"महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्रावास को संचालित करवाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है। अभी पद स्वीकृत नहीं है। पद स्वीकृत मिलते ही जल्द से जल्द इसे संचालित करवाया जाएगा ताकि छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मिल सके।"
डॉ. अंजनी कुमार पांडेय, प्राचार्य
शा. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय