उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक फर्जी इंटरनेशनल पुलिस स्टेशन और आईबी ऑफिस चलाने का मामला सामने आया है। इसका मास्टरमाइंड तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का पूर्व ब्लॉक प्रमुख विभाष चंद है। वह पश्चिम बंगाल के बीरभूम से संबंध रखता है। विभाष के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भी कुछ घोटाले की जांच चल रही है।
By: Arvind Mishra
Aug 12, 2025just now
उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक फर्जी इंटरनेशनल पुलिस स्टेशन और आईबी ऑफिस चलाने का मामला सामने आया है। इसका मास्टरमाइंड तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का पूर्व ब्लॉक प्रमुख विभाष चंद है। वह पश्चिम बंगाल के बीरभूम से संबंध रखता है। विभाष के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भी कुछ घोटाले की जांच चल रही है। वह भागकर नोएडा आया और यहां अपने साथियों के साथ यह फर्जी ऑफिस खोला। बिभास चंद्र, उसका बेटा और अन्य आरोपियों को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 70 से कथित तौर पर एक फर्जी अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एवं अपराध जांच ब्यूरो चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वे सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से पैसे वसूलते थे।
आरोपी विभाष चंद और उसका बेटा पश्चिम बंगाल में लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर उनसे पैसे वसूल करते थे। वे लोगों के जमीन विवाद सुलझाने और उनके काम करवाने का वादा करते थे। विभाष का बेटा अपनी गाड़ियों पर इंटरपोल का स्टीकर लगाकर लोगों को डराता था। नोएडा में भी वे इसी तरह का फर्जीवाड़ा चला रहे थे।
कोलकाता के एक अधिकारी ने बताया कि टीएमसी के पूर्व नेता बिभास चंद्र ने कोलकाता में भी इसी तरह के अपराध किए हैं। बिभास ने उत्तरी कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में सीआईटी रोड पर दो फ्लैट किराए पर लिए थे और वहां से एक दफ्तर संचालित करता था, जिस पर इंटरपोल, सामाजिक न्याय की जांच और पुलिस जैसे बोर्ड लगे थे।
अधिकारी ने कहा- शुरुआती जांच से पता चला है कि गिरफ्तार शख्स नीली बत्ती वाली एक गाड़ी में आता था, जो आमतौर पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ आईएएस या आईपीएस अधिकारियों के लिए होती है। यह आश्चर्यजनक है कि वह दो पुलिस थानों- बेलियाघाटा और नारकेलडांगा के बीच अपना कार्यालय चला रहा था।
बीरभूम जिले के नलहाटी के पूर्व तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष भी शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी थे। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल की जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी माने जाने वाले अधिकारी से भर्ती मामले में 2023 में कई बार पूछताछ की थी। 2021 में, बिभास को तृणमूल कांग्रेस ने निकाल दिया था। बिभास चंद्र के पास बड़ी तादाद में संपत्तियां हैं, जिनमें नई दिल्ली और कोलकाता में आवास, साथ ही बीरभूम जिले के सूरी और हुगली जिले के कृष्णापुर में दो कॉलेज शामिल हैं।