दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को नोटिस दिया है। यह नोटिस उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम 1980-81 की मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा गया था। अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
By: Arvind Mishra
Dec 09, 20251:32 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को नोटिस दिया है। यह नोटिस उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम 1980-81 की मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा गया था। अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। इस दौरान सोनिया को नोटिस का जवाब देना होगा। दरअसल, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी पर नागरिकता लेने से पहले ही वोटर लिस्ट में नाम शामिल होने का आरोप है। दिल्ली की राउज एवेन्यू के सेशंस कोर्ट ने सोनिया गांधी को एक रिवीजन पिटीशन पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया। इस पिटीशन में मजिस्ट्रेट के सितंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें 1980-81 के इलेक्टोरल रोल में गलत तरीके से नाम शामिल करने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत खारिज कर दी गई थी। यह निर्देश सेशंस कोर्ट के जज विशाल गोगने ने रिवीजन पिटीशनर की तरफ से शुरुआती दलीलें सुनने के बाद दिया।
रिवीजनिस्ट विकास त्रिपाठी की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट पवन नारंग ने तर्क दिया कि इस मामले पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि रिकॉर्ड में रखे गए मटीरियल से पता चलता है कि सोनिया गांधी का नाम भारत का नागरिक बनने से पहले जिस तरह से इलेक्टोरल रोल में डाला गया था, उसमें गंभीर गड़बड़ियां हुई थीं।
नारंग ने कहा- 1980 के इलेक्टोरल रोल में नाम डालने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स में जरूर जालसाजी और गलत जानकारी दी गई होगी। उनका नाम बाद में हटा दिया गया और फिर जनवरी 1983 में फाइल की गई एक एप्लीकेशन के आधार पर 1983 में फिर से डाल दिया गया। दोनों ही मामले उनके नागरिकता हासिल करने से पहले हुए थे। इस मामले में ज्यूडिशियल जांच की जरूरत है।
पहली बार 1980 में नाम जोड़ा: वोटर लिस्ट में सोनिया का नाम पहली बार 1980 में जोड़ा गया। उस समय वे इटली की नागरिक थीं। तब गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी निवास पर रहता था। उस समय इस पते पर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम थे। 1 जनवरी 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में संशोधन हुआ, जिसमें सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया।
दूसरी बार 1983 में नाम जोड़ा गया: 1982 में विरोध के बाद उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया था और 1983 में उनका नाम पोलिंग स्टेशन 140 में क्रम संख्या 236 पर फिर से जोड़ दिया गया। समस्या यह थी कि इस संशोधित सूची के लिए योग्यता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। यानी वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने के वक्त वे भारतीय नागरिक नहीं थीं।
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