सतना के सरदार बल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में दो घंटे तक एम्बुलेंस नहीं मिलने से मरीज स्ट्रेचर पर तड़पता रहा। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और एम्बुलेंस संचालन व्यवस्था की पोल खुली, सीएमएचओ ने जांच के दिए निर्देश।
By: Star News
Jun 22, 20252:55 PM
सरकारी सिस्टम फेल, नहीं मिली एम्बुलेंस
सतना, स्टार समाचार वेब
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सरदार बल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल में शनिवार को सभी सरकारी दावे में पास सुविधाएं फेल नजर आई। संजय गांधी रीवा के लिए रेफर मरीज को दो घंटे एम्बुलेंस का इंतजार करना पड़ा । जब तक एम्बुलेंस नहीं आई मरीज जिला अस्पताल के गेट पर स्ट्रेचर में ही पड़ा रहा । मरीज को जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर केवल प्राथमिक सुविधाएं ही उपलब्ध हो पाई। यहाँ उल्लेखनीय है की जिले में 60 एम्बुलेंस संचालित हो रही हैं इनमे से करीब 35 एम्बुलेंस जननी सेवा में लगी हैं। जिले में संचालित सभी एम्बुलेंस को जेएईइस(जय अम्बे एमर्जेन्सी सर्विसेज) सेवा को ठेके पर दिया गया है। ठेके में जाने के बाद से इन सेवाओं को ग्रहण सा लग गया है।
क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय हनुमान नगर नई बस्ती निवासी जय गोविन्द पांडेय की बिटिया खेलते वक्त साईकिल से गिर कर दुर्घटना ग्रस्त हो गई जिससे उसके पैर में साईकिल के पैड़ल की पट्टी लग गई और नसों से खून बहना चालू हो गया। काफी कोशिश करने के बाद भी पीड़ित बालिका का खून न बंद होने पर परिजनों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया जहां बच्ची का इमरजेंसी के चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार कर बॉटल चढ़ा दिया गया एवं आगे के इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल रीवा के लिए रेफर कर दिया गया । मरीज के परिजनों ने कहा कि चिकित्सकों ने कहा है कि नसों के डॉक्टर जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं है इसका इलाज केवल हायर सेण्टर या मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध है। परिजनों ने कहा कि चिकित्सक के रेफर लिखने के बाद करीब दो घंटे एम्बुलेंस सेवा को फोन लगाया गया लेकिन एम्बुलेंस चल हर बार अलग-अलग बहाने बनाता रहा और मरीज जिला अस्पताल के गेट पर स्ट्रेचर में ही तड़फते पड़ा रहा।
"अगर समय पर एम्बुलेंस नहीं मिली है तो बहुत गलत है क्योंकि तीन एम्बुलेंस वहां को हर समय जिला अस्पताल में खड़े होने का प्रावधान है और अगर नहीं भी थी तो आसपास के ब्लाकों में लगी हुई एम्बुलेंस को एमर्जेन्सी सेवा के लिए बुलाया जासकता था। इस बिषय में एम्बुलेंस के सुपरवाइजर से बात करके जांच कराई जाएगी।"
डॉ. एलके तिवारी, सीएमएचओ