सतना शहर में बिजली कटौती और बार-बार ट्रिपिंग की समस्या ने गर्मी और उमस में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। ट्रांसमिशन और वितरण कंपनियों के बीच समन्वय की कमी से आधे शहर को लगातार ब्लैकआउट और खराब उपकरणों का सामना करना पड़ रहा है।
By: Yogesh Patel
Jun 19, 202518 hours ago
बगहा, सिविल लाइन पतेरी और नार्थ फीडर में डेढ़ घंटे ब्लैकआउट रहा, कई इलाकों के रहवासी कर रहे रतजगा
सतना, स्टार समाचार वेब
क्या इन दिनों पावर ट्रासंमिशन कंपनी और विद्युत वितरण कंपनी के बीच सामंजस्य का अभाव है जिसका दंश सतना के हजारों बिजली उपभोक्ताओं को भोगना पड़ रहा है? सवाल इसलिए क्योंकि तकरीबन 8 साल पहले अटल ज्योति योजना के माध्यम से निर्बाध बिजली देने की शुरू की गई प्रदेश सरकार की योजना को इन दिनों गृहण लगा हुआ है। हालात यह हैं कि शहर का बिजली उपभोक्ता बिजली की लगातार चल रही आंख मिचौली से परेशान है। बिजली की बाधित आपूर्ति के बीच आधे शहर को जहां भीषण गर्मी और उमस के बीच रतजगा करना पड़ रहा है वहीं हर 10 मिनट में बिजली के आने और जाने के कारण कई उपभोक्ताओं के हजारों के बिजली उपकरण भी स्वाहा हो रहे हैं। बीते चार दिनों से शाम ढलते ही कई कालोनियों की गुल होती बिजली ने एक बार पुन: सतना में ‘ मोमबत्ती युग’ की याद ताजा करा दी है। बिजली उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग के के अलावा जिला प्रशासन के आला अधिकारियों व सत्ता पक्ष के नेताओं का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट कराते हुए बिजली वितरण व्यवस्था को निर्बाध करने की मांग की है।
7 घंटे में 10 बार गई बिजली
विद्युत विभाग के निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावों के बीच प्रभात विहार कालोनी, राजेंद्रनगर, उमरी, खूंथी , बगहा , महदेवा समेत कई मोहल्लों में यूं तो बिजली के आने-जाने का सिलसिला दिन में भी जारी रहता है, लेकिन भारी गर्मी और उमस के बीच रात में बाधित हुई विद्युत आपूर्ति ने इन इलाकों में रहने वालों की नींद हराम कर रखी है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात साढ़े 10 बजे से बिजली सप्लाई बंद होने का सिलसिला प्रारंभ हुआ जो सुबह 6 बजे तक जारी रहा। उमरी निवासी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि जैसे ही आंख लगती वैसे ही बिजली गुल हो जाती जिसके कारण बिस्तर में सोना मुहाल हो गया। एक अन्य उपभोक्ता बाल करण शुक्ला ने बताया कि हर 10 मिनट में बिजली गुल हो जाती है जो आधे घंटे में फिर 5 मिनट के लिए आने के बाद गुल हो जाती है। उपभोक्ताओं की माने तो यह केवल एक रात की बात नहीं है बल्कि बीते एक सप्ताह से इसी बदहाल बिजली वितरण व्यवस्था के बीच रातें गुजारनी पड़ रही है। विद्युत वितरण में आने वाली इस बाधा ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर विद्युत विभाग का भारी भरकम अमला सतना में सुचारू विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने में विफल साबित क्यों हो रहा है?
खराब था ट्रांसमिशन कंपनी का वैक्युम ब्रेकर
कार्यपालन अभियंता की माने तो अति उच्च दाब उपकेंद्र पतेरी में 33 केव्ही ब्रेकर खराब होने से लोड बढ़ जाने के कारण शहर संभाग का 11 केव्ही बगहा फीडर ट्रिप होने लगा। जिसे फॉल्ट मान कर शहर संभाग की टीम कार्यपालन अभियंता नीलाभ श्रीवास्तव, सहायक अभियंता कुलदीप मिश्रा, कनिष्ठ अभियंता मानवेंद्र नंदन, प्रभाकर सिंह, अजय दुबे और विकास सिंह राठौर ने पेट्रोलिंग शुरू की । दोपहर चार घंटे फाल्ट ढूढ़ने के बाद जब कोई फॉल्ट नहीं मिला तो लाइन को मेगर नामक उपकरण से जांच की गई जिसमें लाइन सही पाई गई लेकिन लाइन चालू नहीं हुई। फिर भी ट्रांसमिशन कंपनी ने बात नहीं मानी और विद्युत विभाग से सर्टिफिकेट तक मांग लिया कि हमारी सभी लाइनें सही है। बिजली बंद होने पर फिर कुछ देर बाद लगातार पोल दर पोल जांच में जब कुछ नहीं आया तब लाइन को काट-काट कर चालू करवाया गया। मंगलवार को पूरा दिन यही नाटक चला कोई फॉल्ट न होने पर भी सप्लाई बाधित रही । कई घंटे बाद पता चला कि ट्रांसमिशन कंपनी का 33 केव्ही का वैक्यूम ब्रेकर नामक उपकरण खराब है। जिसकी सूचना तत्काल कार्यपालन अभियंता मप्र ट्रांसमिशन कंपनी सतना को दी गई, जिसके बाद उनकी टीम ने रात में ही मेंटेनेंस कराने का अनौपचारिक फैसला लिया गया, जिससे रात में आधे शहर में ब्लैकआउट की स्थिति निर्मित हो गई। ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा डेढ़ घंटे बगहा और नॉर्थ फीडर को बंद करवाकर सुधार करने की कोशिश की परन्तु सुधार न हो सका। अंत में एमपीईबी के अधिकारियों द्वारा लाइन काटकर और आधा लोड सिविल लाइन में शिफ्ट कर बिजली सप्लाई चालू की गई।
दुरुस्त साबित करने कर दी उपभोक्ताओं की नींद हराम
बिजली विभाग की पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और एमपी ट्रांसमिशन कंपनी के बीच तालमेल न बैठने के कारण मंगलवार को दिन भर उपभोक्ताओं गर्मी और उमस से परेशान होते रहे। दिन भर बिजली की आंख मिचौली चलती रही। रात में भी आधे शहर में ब्लैकआउट जैसी स्थिति देखने को मिली। मिली जानकारी के अनुसार एमपी ट्रांसमिशन कंपनी के ब्रेकर में खराबी आ जाने की वजह से मंगलवार को बगहा फीडर बार-बार बंद होता रहा लेकिन ट्रांसमिशन कंपनी यह बात मानने को तैयार ही नहीं हुई। उसने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को लाइन में फाल्ट ढूढ़ने के लिए कहा। कई घंटे विद्युत विभाग के कर्मियों द्वारा मशक्कत की गई लेकिन फाल्ट कहीं नहीं मिला। फाल्ट न मिलने के बाद ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों द्वारा रात में ही ब्रेकर मेंटेनेंस कराने की दादागिरी भी दिखाई गई। देर रात एक बजकर दस मिनट पर अति उच्च दाब उपकेंद्र पतेरी को बंद कर दिया गया जिससे कई इलाकों में ब्लैकआउट हो गया।
मंगलवार से ही एक टीम को पतेरी पावर हाउस में तैनात कर दिया जिससे यदि रात्रि में यही समस्या हो तो तत्काल निराकरण किया जा सके। इसके अलावा शहर संभाग में विगत एक माह से विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें प्रतिदिन 2 राजस्व अधिकारी, सहायक अभियंता औरदो कनिष्ठ अभियंता की ड्यूटी लगाई गई है। इस कॉल सेंटर में रात्रि में कार्यपालन अभियंता भी उपस्थित रहते है।
नीलाभ श्रीवास्तव, कार्यपालन अभियंता, शहर संभाग