कभी टूटी हुई उम्मीदों के सहारे जी रही केन्द्रीय जेल भोपाल की महिलाएं अब सपनों को नया आकार दे रही हैं। केंद्रीय जेल के महिला वार्ड में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जब इन महिला बंदियों ने रंगों और शब्दों के जरिये अपनी जिंदगी को कागज पर उकेरा, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें गर्व से नम हो गई।
By: Arvind Mishra
Jul 18, 20255 hours ago