पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ फैला रहे थे, लेकिन इस बीच एक्स ने ही उनकी फजीहत कर दी। शहबाज ने कहा अपने एक पोस्ट में भारत पर जम्मू-कश्मीर में आक्रमण का आरोप लगाया और कहा कि वहां मानवाधिकार उल्लंघन हो रहे हैं। इस पोस्ट पर एक्स कम्युनिटी नोट्स ने फैक्ट चेक कर दिया।
By: Arvind Mishra
Oct 28, 202511:58 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ फैला रहे थे, लेकिन इस बीच एक्स ने ही उनकी फजीहत कर दी। शहबाज ने कहा अपने एक पोस्ट में भारत पर जम्मू-कश्मीर में आक्रमण का आरोप लगाया और कहा कि वहां मानवाधिकार उल्लंघन हो रहे हैं। इस पोस्ट पर एक्स कम्युनिटी नोट्स ने फैक्ट चेक कर दिया। इसमें लिखा गया- ये भ्रामक खबर है। महाराजा हरि सिंह 26 अक्टूबर 1947 को भारत में शामिल होने के लिए तैयार थे। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद भारत ने क्षेत्र की रक्षा के लिए 27 अक्टूबर 1947 को श्रीनगर में सेना भेजी थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर पर ट्वीट किया है। शरीफ अपने ट्वीट के जरिए भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि शहबाज को यह भारी पड़ गया, क्योंकि कश्मीर संबंधी दुष्प्रचार वाले ट्वीट की एक्स पर ही फैक्टचैकिंग हो गई। इससे पाक पीएम को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस झूठ के लिए शहबाज शरीफ को जमकर सुनाया है।
शहबाज ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए कहा-भारत ने सेना के बल पर 1947 में कश्मीर पर कब्जा किया था। ऐसे में 27 अक्टूबर इतिहास का काला दिन है। एक्स की कम्युनिटी नोट्स ने इसे झूठा करार देते हुए फैक्ट चेक कर दिया। फैक्ट चैक में साफ किया गया कि शरीफ की बात सही नहीं है। सेना के बल पर नहीं, बल्कि महाराजा हरि सिंह के 26 अक्टूबर 1947 को समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कश्मीर का भारत में विलय हुआ था।
दरअसल, पाक पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए लिखा- हर साल 27 अक्टूबर कश्मीर के इतिहास का सबसे काला दिन होता है। 78 साल पहले इसी दिन भारतीय सेना श्रीनगर पहुंची और कब्जा किया। मानव इतिहास का ये दुखद अध्याय आज भी जारी है। उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन के बाद से भारत कश्मीरी लोगों को आत्मनिर्णय के उनके अपरिहार्य अधिकार से वंचित करता आ रहा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री झूठ बोलने से यहीं नहीं रुके। शहबाज ने कहा- आठ दशकों से भारत की वजह से जम्मू और कश्मीर के लोगों को भारी कष्ट और उत्पीड़न सहना पड़ रहा है। हम भय और उत्पीड़न के बावजूद उनके अदम्य साहस और दृढ़ता को सलाम करते हैं। आत्मनिर्णय के न्यायोचित और अपरिहार्य अधिकार को प्राप्त करने का उनका अटूट संकल्प अटूट है।
शहबाज शरीफ ने केंद्र सरकार के कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की भी आलोचना करते हुए कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन, आवाजाही और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भारी प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन कदमों की पाक ने हमेशा आलोचना की है। पाकिस्तान की सरकार कश्मीरी लोगों के साथ है। पाक के 24 करोड़ लोग अपने कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। ये समर्थन जारी रहेगा, जब तक कि कश्मीरियों को अपने फैसले लेने का अधिकार नहीं मिलता है।