पैरोल पर छूट कर आए 9 हत्यारे सालों से फरार

सतना सेंट्रल जेल से पैरोल पर छूटे 9 हत्यारे सालों से फरार हैं। यह लापरवाही पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जानिए पूरी रिपोर्ट और फरार अपराधियों की सूची।

By: Star News

Jun 28, 20251:03 PM

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पैरोल पर छूट कर आए 9 हत्यारे सालों से फरार

सतना सेंट्रल जेल का मामला

सतना, स्टार समाचार वेब

सतना सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा हुए नौ दुर्दांत अपराधी सालों से खुलेआम घूम रहे हैं, जिन्होंने जघन्य हत्याकांडों को अंजाम दिया था। यह स्थिति पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। पिछले 22 वर्षों में पैरोल पर छूटे 11 खूंखार कैदियों में से केवल दो को ही दोबारा जेल में डाला जा सका है, जबकि बाकी नौ अपराधी आज भी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। 

इस लापरवाही ने जेल प्रबंधन और स्थानीय पुलिस के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। जेल प्रशासन लगातार पुलिस को इन फरार कैदियों को पकड़ने की याद दिला रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। फरार हुए 11 कैदियों में सर्वाधिक 6 कैदी छतरपुर जिले के हैं, जो पैरोल के बाद वापस नहीं लौटे। 

इसके अतिरिक्त, दो सतना के, एक मैहर का (पूर्व में सतना जिले में), और दो पन्ना जिले के कैदी शामिल हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज थे। जेल प्रबंधन ने अन्य फरार कैदियों की फरारी के बाद भी संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिनमें कोलगवां थाने में 7, अमरपाटन थाने में 1, और सिविल लाइन छतरपुर व सिटी कोतवाली छतरपुर में भी एक-एक एफआईआर शामिल है।  जेल प्रबंधन के अथक प्रयासों से दो कैदी पकड़े भी गए हैं। 

15 मार्च 2024 को पैरोल पर फरार हुए पन्ना जिले के सुरेश नाई और 21 जून 2024 को छतरपुर जिले के अरविंद सिंह को जेल पुलिस ने ही गुजरात से गिरफ्तार किया था। यह घटना सीधे तौर पर थाना पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाती है। जब जेल पुलिस अपने सीमित संसाधनों से दो दुर्दांत अपराधियों को पकड़ सकती है, तो शेष नौ खूंखार अपराधियों को पकड़ने में थाना पुलिस इतनी निष्क्रिय क्यों है? यह स्पष्ट रूप से थाना पुलिस की अक्षमता और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।

फरार अपराधियों की सूची:

यहां उन अपराधियों की सूची दी गई है जो पैरोल पर छूटने के बाद से फरार हैं:

  • अरविंद उर्फ मुन्ना राजा: 21 जून 2024 को फरार, राजनगर, छतरपुर
  • सुरेश पिता मंगल: (फरारी दिनांक उपलब्ध नहीं), अजयगढ़, पन्ना
  • गोटीराम खैरवार पिता गयादीन खैरवार: 14 मई 2023 को फरार, बरौंधा
  • बेनी पिता लालमणि दहायत: 12 अक्टूबर 2017 को फरार, शाहनगर, पन्ना
  • गोवर्धन पिता जगना पाल: 3 नवंबर 2016 को फरार, बकस्वाहा, छतरपुर
  • रूपचंद्र पिता नथुवा: 4 जुलाई 2015 को फरार, महाराजपुर, छतरपुर
  • पवन पिता प्रकाश पांडे: 12 अक्टूबर 2013 को फरार, सिविल लाइन छतरपुर
  • देवेंद्र सिंह यादव पिता जगन्नाथ: 27 अगस्त 2012 को फरार, सिटी कोतवाली, सतना
  • सुरेंद्र सिंह पिता गुमान: 4 अगस्त 2008 को फरार, सिविल लाइन, छतरपुर
  • राजेश सिंह पिता लल्ला सिंह: 25 फरवरी 2007 को फरार, अमरपाटन
  • भागचंद्र पिता हरिचरण कोरी: 6 मई 2003 को फरार, सिटी कोतवाली, छतरपुर

देवेंद्र : एक वीभत्स हत्याकांड का दोषी, 12 साल से फरार 

फरार कैदियों में जुलाई 2002 में सतना के राजेंद्र नगर में हुए एक वीभत्स हत्याकांड का दोषी देवेंद्र यादव भी शामिल है। इस वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया था, जिसमें राजेश शुक्ला, उनकी पत्नी मधु शुक्ला, मासूम बेटे प्रभांशु शुक्ला और राजेश की बहन विनीता शुक्ला की निर्मम हत्या कर दी गई थी। 2007 में आजीवन कारावास की सजा पाने वाला देवेंद्र यादव अगस्त 2012 में 15 दिन के पैरोल पर छूटा और तब से फरार है। जेल प्रबंधन ने देवेंद्र यादव के मामले में सिटी कोतवाली और कोलगवां थाने में 25 से ज्यादा बार चिट्ठियां लिखी हैं, परंतु इस दुर्दांत अपराधी का आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। यह अक्षम्य लापरवाही न केवल कानून के शासन का मजाक उड़ाती है, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाती है।

जेल प्रबंधन पूर्व में पुलिस अधीक्षक को पैरोल पर गए कैदियों की फरारी के संबंध में चिट्ठी लिख चुका है और थानों में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। 11 फरार अपराधियों में केवल दो को ही वापस कारागार में बंद कराया जा सका है।

लीना कोष्टा, जेल अधीक्षिका, सेंट्रल जेल, सतना

रिपोर्ट: अमित सिंह सेंगर

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