पन्ना में एक महिला ने अपने जीवित पति को कागजों में मृत बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और प्रेमी से विवाह कर लिया। जानें पूरा मामला।
By: Yogesh Patel
Jun 18, 20253 hours ago
पन्ना, स्टार समाचार वेब
देश में जहां सोमन जैसी पत्नियों की चर्चाए हों रही है, कि किस तरह उसने अपने प्रेमी के लिए पति को मौत की नींद सुलाया, वहीं जिले में ऐसी पत्नि मिली, जिसने अपने जीवित पति को कागजों में मृत बनाकर प्रेमी संग विवाह रचा लिया। मामला पन्ना शहर का है, जहां नगर पालिका ने एक जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। धोखाधड़ी के इस चैंकाने वाले मामले ने प्रशासनिक प्रणाली की पोल खोल दी है। बताया जाता है कि शहर के वार्ड क्रमांक 17 की निवासी हल्की बाई ने अपने जीवित पति कृपाल सौर को मृत बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और 23 अगस्त 2022 को ठाकुरदास कुशवाहा से विवाह रचा लिया। यह मामला तब उजागर हुआ जब मीडिया की टीम कृपाल सौर की वास्तविक स्थिति का सत्यापन करने ग्राम महुआ डांडा पहुँची। वहां न केवल कृपाल स्वस्थ मिला, बल्कि स्थानीय उचित मूल्य दुकान से उसका मासिक राशन प्राप्त करता देखा गया। राशन दुकान के सेल्समेन सुशील दुबे ने बताया कि कृपाल को हर महीने राशन मिलता है और उसका राशन कार्ड वैध है। कृपाल के रिश्तेदारों ने बताया कि उसका विवाह लगभग 30 वर्ष पूर्व बांधीकला निवासी हल्की बाई से हुआ था, विवाह उपरांत पत्नि के साथ वह गांव छोड़कर पन्ना में बस गया। लेकिन घरेलू विवादों के चलते वह कुछ वर्ष पूर्व अपने पुश्तैनी गांव लौट आया था। कृपाल सौर के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं, जिनमें से एक बेटा मानसिक रूप से दिव्यांग है। कृपाल खुद अपनी छोटी सी जमीन और राशन से जैसे-तैसे परिवार चला रहा है। अब यह फर्जी प्रमाण पत्र उसकी पहचान और अधिकारों पर संकट खड़ा कर सकता है। कृपाल को डर है कि कहीं सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित होने से उसका राशन बंद न हो जाए। यह मामला न सिर्फ एक महिला द्वारा पति को मृत घोषित करने की साजिश का है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही, दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया की कमजोरी, और सामाजिक व नैतिक मूल्यों के गिरते स्तर को भी उजागर करता है।
कैसे जारी हुआ जीवित का मृत्यु प्रमाण पत्र
सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि कृपाल की मृत्यु के बिना ही मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे जारी हुआ। नगर पालिका की जन्म-मृत्यु शाखा के प्रभारी ने सफाई दी कि कोरोना काल के दौरान सत्यापन की प्रक्रिया नहीं हो रही थी, और परिषद भी नहीं थी। इसलिए बिना पार्षद के सत्यापन और पंचनामा के प्रमाण पत्र बन गया होगा। जब पोर्टल पर दस्तावेज खोजने का प्रयास किया गया, तो महिला द्वारा प्रस्तुत सिर्फ एक आवेदन ही मिला, जो फर्जी प्रक्रिया की पुष्टि करता है।
जहां सामान्य लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने में शपथ पत्र से लेकर ढेरों दस्तावेज देने पड़ते हैं, वहीं इस महिला ने महज एक आवेदन देकर अपने पति को मृत घोषित कैसे कर दिया, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
आखिर क्यों किया फर्जीवाड़ा
पूरे मामले में 51 वर्षीय हल्की बाई ने अपने प्रेमी से शादी की, उसने न तो पति की मृत्यु पर सहायता राशि ली, न ही कल्याणी विवाह योजना का लाभ लिया, फिर उसने यह कृत्य क्यों किया, यह समझ के परे है। सवाल उठता है कि जब तलाक का वैधानिक विकल्प मौजूद था, तो हल्की बाई ने पति को मृत घोषित करने का गैरकानूनी रास्ता क्यों चुना। यह घटना एक गंभीर सामाजिक प्रश्न को जन्म देती है। क्या आज कानूनी तलाक की प्रक्रिया इतनी जटिल या सामाजिक रूप से कलंकित मानी जाती है कि पति को मृत घोषित कर नया जीवन शुरू करने का रास्ता चुनने लगे हैं या ऐसा करना ज्यादा सहज हो गया है। इस मामले पर विस्तृत जांच की जाए तभी हकीकत सामने आ सकती है।
जीवित व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में मुझ जानकारी नहीं हैं, आपके द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जांच कराते हैं।
शशिकपूर गढ़पाले, सीएमओ नगर पालिका परिषद पन्ना
आपके द्वारा यह मामला संज्ञान में लाया गया है, इस पर जांच कराई जायेगी और कार्यवाही भी करेंगे।
सुरेश कुमार, कलेक्टर पन्ना