शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों की पहली पसंद, रीवा जीईसी दूसरे नंबर पर-भोपाल, इंदौर और जबलपुर के नामी कॉलेज भी रह गए पीछे

इस साल इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की दौड़ में शहडोल का यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और रीवा का जीईसी सबसे आगे रहे। दोनों कॉलेजों की सीटें शत-प्रतिशत भरीं, जबकि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के नामी संस्थानों को सीटें भरने में मशक्कत करनी पड़ी। कम्प्यूटर साइंस छात्रों की पहली पसंद बनी, फिर सिविल की सीटें भरीं। रीवा और शहडोल में हुई इस सफलता ने मप्र के शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान बनाई।

By: Yogesh Patel

Aug 18, 2025just now

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शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों की पहली पसंद, रीवा जीईसी दूसरे नंबर पर-भोपाल, इंदौर और जबलपुर के नामी कॉलेज भी रह गए पीछे

हाइलाइट्स

  • प्राइवेट और सरकारी इंजीनियरिंग रह गए पीछे, सबसे पहले रीवा की सीटें हुईं फुल
  • इंदौर, भोपाल, जबलपुर तक के कॉलेजों को सीटें भरने में छूट रहा पसीना
  • कम्प्यूटर साइंस इसमें भी छात्रों की पहली पसंद रहा, फिर सिविल को चुना

रीवा, स्टार समाचार वेब

इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का रुझान कम हुआ है। कई कॉलेज बंद हो गए। अब जो बचे हैं। उन्हें भरना ही मुश्किल पड़ रहा है। इसमें सिर्फ प्राइवेट ही नहीं सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल हैं। ऐसे में रीवा और शहडोल के इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इस बार रिकार्ड बना दिया है। शहडोल का इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों की पहली पसंद रहा। वहीं दूसरे नंबर पर जीईसी रीवा रहा। इन दोनों ही कॉलेजों की सीटें शतप्रतिशत भर चुकी है। 

आपको बता दें कि शासकीय और अर्द्ध शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की होड़ मची रहती है। सबसे पहली पसंद इंदौर, भोपाल और जबलपुर, ग्वालियर के इंजीनियरिंग कॉलेज होते हैं। हालांकि अब ऐसा नहीं रह गया है। रीवा ने इस क्षेत्र में नया मुकाम बनाया है। रीवा और शहडोल के इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें इस मर्तबा सबसे पहले भरी हैं। टॉप पर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नॉलाजी शहडोल है। यहां 150 सीटें थी। जो शत प्रतिशत भर चुकी है। इसी तरह रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में 375 सीटें थी। इसमें से सभी सीटें भर चुकी है। वहीं अन्य नामी दिग्गज कॉलेजों की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। 

सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस की सीटें हुईं फुल

जीईसी रीवा में वैसे तो पांच ब्रांच है। इन पांचों ब्रांच की सीटें फुल हो चुकी है। इसमें भी सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस की सीटें भरी। इसके बाद फिर सिविल और अन्य ब्रांच में छात्रों ने एडमिशन लिया। रीवा जीईसी में कुल 375 सीटें हैं। जो अब पूरी तरह से फुल हो चुकी है। इनमें से 13 सीटों पर फ्री एडमिशन भी छात्रों को दिया गया है। वहीं यदि शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज की बात करें तो यह नया कॉलेज है। यहां माइनिंग में इंजीनियरिंग कराई जाती है। माइनिंग ब्रांच होने के कारण भी यहां एडमिशन लेने वालों की होड़ मची रही। 

इंजीनियरिंग के लिए बाहर नहीं जा रहे छात्र

रीवा के छात्र इंजीनियरिंग के लिए बाहर नहीं जा रहे हैं। पहली प्राथमिकता रीवा के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को ही दे रहे हैं। इसके बाद यहां बाहर से भी छात्र आ रहे हैं। यहां बाहर या फिर कहें दूसरे जिलों से प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा है। कॉलेज परिसर में सुविधाओं में इजाफा हुआ है। यहां नए रिसर्च किए जा रहे हैं। इन रिसर्च और खोज ने भी छात्रों का ध्यान रीवा की तरफ खींचा है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज का कप्यूटर लैब हाईटेक और बड़ा है। इसी वजह से यहां कम्प्यूटर साइंस में प्रवेश पहले हुए हैं। जीईसी में वैसे तो अन्य कॉलेजों ंकी तुलना में सीटें और ब्रांच कम हैं लेकिन छात्र फिर भी यहां प्रवेश लेने पहुंच रहे हैं। 

किस कॉलेज की कितने सीटें भरी और कितनी खाली हैं

इंजीनियरिंग कॉलेज                सीटें            भरी

यूआईटी, शहडोल                150           150

जीईसी रीवा                375           375

उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज            412           411        

स्कूल ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नॉ,भोपाल        225           224        

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, इंदौर        675           672        

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज            848           614        

श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नो, इंदौर        1080           975        

यूआईटी, आरजीपीवी, भोपाल            750           678        

माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नो, ग्वालियर         2250           1903        

सम्राट अशोक इंस्टीट्यूट, विदिशा        975           754        

आईजीईसी, सागर                375           282        

यूआईटी, आरजीपीवी, शिवपुरी            300           212        

रुस्तमजी इंस्टीट्यूट, टेकनपुर, ग्वालियर     328           215        

यूआईटी, बरकतउल्ला यूनि भोपाल         562           355        

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजी. जीवाजी ग्वालियर        162           82        

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, यूआईटी, झाबुआ     150           52    

स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, उज्जैन        372           125        

नौगाव इंजीनियरिंग कॉलेज            300           65

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