रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 63 किसानों का भुगतान 6 माह से लंबित है। करहिया मंडी में भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किसानों ने चक्काजाम कर प्रशासन से तत्काल भुगतान की मांग की।
By: Yogesh Patel
Jun 21, 202547 minutes ago
भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किया चकाजाम
रीवा, स्टार समाचार वेब
खरीफ सीजन में बोई जाने वाली मुख्य धान की फसल को किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर 6 माह पूर्व बेचा गया था। जिसका भुगतान आज तक नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में शुक्रवार को करहिया मंडी के मुख्य मार्ग पर भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में पीड़ित किसानों ने चकाजाम कर प्रशासन को आगाह किया है कि उनका भुगतान तत्काल किया जाए।
यहां पर यह बता दें कि जिले के बीड़ा क्रमांक-2 में 63 किसानों द्वारा जो धान समर्थन मूल्य पर बेची गई थी उनका भुगतान फंस गया है। सेवा सहकारी समिति ने धान तो खरीद लिया परंतु 6 महीना बीत जाने के बाद भी उनका भुगतान नहीं किया है। शुक्रवार को आक्रोशित किसानों ने सड़क जाम कर अविलम्ब भुगतान की मांग की है। बताया गया है कि जिन किसानों की धान का भुगतान नहीं हो पाया है उनके सामने अब बोनी का संकट मंड़राने लगा है। किसानों द्वारा बताया गया कि खरीफ की बोनी शुरू होने वाली है और उनका भुगतान आज तक नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में वह खाद-बीज एवं मजदूरों को पैसा कहां से दे पाएंगे।
27 किसानों का नाम पोर्टल से डिलीट
करहिया मंडी के सामने आंदोलनरत किसानों में सुधीर पाण्डेय द्वारा बताया गया कि खरीदी केन्द्र बीड़ा क्रमांक-2 में जिन 63 किसानों द्वारा बिक्री की गई धान का भुगतान नहीं हो पाया है उनमें 27 ऐसे किसान हैं जिनका नाम ही पोर्टल से डिलीट कर दिया गया है। वहीं बाकी किसानों का पोर्टल में नाम फीड है फिर भी उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर भुगतान करने के लिए कहा गया बावजूद उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।
दिया गया था फर्जी चेक
आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बताया गया कि धान बिक्री के बाद जब वह भुगतान के लिए दबाव बनाने लगे तो उस समय समिति प्रबंधक द्वारा उन्हें एक चेक दिया गया था। जिसमें समिति प्रबंधक के सील और हस्ताक्षर तो हैं लेकिन प्रशासन के हस्ताक्षर नहीं हैं। ऐसी स्थिति में अब समिति प्रबंधक द्वारा कहा जा रहा है कि कमीशन प्राप्त हो जाए तो चेक भंज जाएगा। ताज्जुब की बात यह है कि शासन द्वारा किसानों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में जो यह अभिनव प्रयास समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए किया गया उसमें जिम्मेदार अधिकारी इस योजना पर ही पलीता लगाने लगे हैं। जुलाई का महीना शुरू होने वाला है किसान बोनी की तैयारी करने में लगे हैं लेकिन इन 63 किसानों की बोनी कैसे हो पाएगी जिन्हें अब तक भुगतान ही नहीं मिला है।
जांच नहीं, पैसा चाहिए
खरीदी केन्द्र बीड़ा क्रमांक-2 के ऐसे किसान जिनका भुगतान नहीं हो पाया है उन्हें शिकायत के बाद प्रशासन द्वारा जांच करने के लिए कहा जाता रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों ने कहा कि उन्हें जांच नहीं पैसा चाहिए। किसानों का कहना है कि उनके पास केवल खेती ही एकमात्र साधन है ऐसी स्थिति में घर के खर्चे के अलावा बोनी सहित बच्चों के स्कूल की फीस एवं दवाई वह कहां से करवाएं। ऐसी स्थिति में उन्हें जांच का आश्वासन नहीं अब केवल पैसा चाहिए।
63 किसानों के धान की उपज का भुगतान नहीं होने की बात जो सामने आई है आज इनके साथ बैठकर सौहार्द्रपूर्ण बात की गई है। चूंकि भुगतान का निर्णय शासन को करना है। वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है जल्द ही इनका भुगतान कराया जाएगा।
शिवशंकर शुक्ला तहसीलदार हुजूर